Monday 8 February 2016

5 ache vichar jo apko hamesa khus rakhe


  • जहाँ सम्मान है वहां डर है ,पर ऐसी हर जगह सम्मान नहीं है जहाँ डर है,क्योंकि संभवतः डर सम्मान से ज्यादा व्यापक है.
  • जिसके पास धैर्य है, वह जो कुछ इच्छा करता है, प्राप्त कर सकता ह
  • साख बनाने में बीस साल लगते हैं और उसे गंवाने में बस पांच मिनट. अगर आप इस बारे में सोचेंगे तो आप चीजें अलग तरह से करेंगे.
  • जितना एक मूर्ख वयक्ति किसी बुद्धिमानी भरे उत्तर से नहीं सीख सकता उससे अधिक  एक बुद्धिमान एक मूर्खतापूर्ण प्रश्न से सीख सकता है।
  • इस बात को व्यक्त मत होने दीजिये कि आपने क्या करने के लिए सोचा है, बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाये रखिये और इस काम को करने के लिए दृढ रहिये.
  • अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा, ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है.

Sunday 7 February 2016

sudh hindi vichar

2) दो धर्मों का कभी भी झगड़ा नहीं होता | सब धर्मों का अधर्मो से ही झगड़ा है | –  विनोबा भावे
3) मानव के कर्म ही उसके विचारों की सर्वश्रेष्ट व्याख्या हैं | – लॉक
4) दुःख भोगने से सुख के मूल्य का ज्ञान होता है | – शेख सादी
5) कुछ न कुछ कर बैठने को ही कर्तव्य नहीं कहा जा सकता |  कोई समय ऐसा भी होता है, जब कुछ  न करना ही सबसे बड़ा कर्तव्य माना जाता है | – रवीन्द्रनाथ ठाकुर
6) क्रोध मुर्खता से शुरु होता है और पश्चाताप पर खत्म होता है | – पैथागोरस
7) जब क्रोध आये, तो उसके परिणाम पर विचार करो | – कन्फ्यूशस
8) भार हल्का हो जाता है, यदि प्रसन्नतापूर्वक उठाया जाए | – ओविड
9) उस इन्सान से ज्यादा गरिब कोई नहीं है, जिसके पास केवल पैसा है | – एडबिन पग
10) अपनी गलती स्वीकार कर लेने में लज्जा की कोई बात नहीं है | इससे, दुसरे शब्दों में, यही प्रमाणित होता है कि बीते हुए कल की अपेक्षा आज आप अधिक बुद्धिमान हैं | – अलेक्जेन्डर पोप
11) जिस प्रकार बिना घिसे हीरे पर चमक नहीं आती, ठिक उसी तरह बिना गलतियाँ किये मनुष्य सपूर्ण नहीं बनता | – चीनी कहावत
12) चिन्ता ने आज तक कभी किसी काम को पूरा नहीं किया | – स्वेट मार्डन
13) महत्व इसका नहीं है कि हम कब तक जीते हैं; महत्त्व की बात तो यह है कि हम, कैसे जीते हैं |
14) दोषभरी बात यदि यथार्थ है, तब भी नहीं करना चाहिए, जैसे अंधे को अंधा कहने पर तकरार हो जाती है | – डिजरायली
15) तीन विश्वासी मित्र होते हैं; वृद्धा पत्नी, बुढा कुत्ता और नकद धन | – फ्रैंकलिन
16) जो मित्रता में से आदर निकाल देता है, वह मित्रता का सबसे बड़ा आभूषण उतार देता है | – सिसरो
17) पैसेवाले पैसे की कदर क्या जानें ? पैसे की कदर तब होती है, जब हाथ खाली हो जाता है | तब आदमी एक-एक कौड़ी दाँत से पकड़ता है | – प्रेमचन्द
18) कर्तव्य ही ऐसा आदर्श है, जो कभी धोखा नहीं दे सकता | – प्रेमचन्द्र
19) धैर्य एक कडुवा पौधा है, पर पर फल मीठे आते हैं | – जर्मन कहावत
20) मानसिक पीड़ा शारीरिक पीड़ा की अपेक्षा अधिक कष्टदायक होती  है | – साइरस
21) ध्येय जितना महान होता है, उसका रास्ता उतना ही लम्बा और बीहड़ होता है | – साने गुरुजी